जल, जीवन और हरियाली
प्रकृति के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ—जल, जीवन और हरियाली—आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। अगर इनमें से किसी एक की कमी हो जाए, तो संपूर्ण जीवन चक्र पर प्रभाव पड़ता है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है, और हरियाली के बिना धरती सूखी और बंजर हो जाती है।
भारत के एक छोटे से गाँव, सुंदरपुर की कहानी है, जहाँ लोग वर्षों से जल की समस्या से जूझ रहे थे। पहले गाँव में एक छोटी सी नदी बहती थी, जो गाँव के किसानों के लिए वरदान थी। किसान उसी नदी के जल से अपने खेतों की सिंचाई करते थे, और उनके खेत लहलहाते रहते थे। परंतु समय के साथ, जल की कमी होने लगी। नदी का जलस्तर गिरने लगा, और खेतों में सिंचाई के लिए पानी की कमी होने लगी। धीरे-धीरे हरियाली कम होती गई, और गाँव के लोगों का जीवन कठिन हो गया।
एक दिन गाँव के मुखिया, रामेश्वर, ने पंचायत की बैठक बुलाई। उन्होंने गाँव वालों से कहा, "अगर हम इसी तरह पानी का दुरुपयोग करते रहे और पेड़ों को काटते रहे, तो एक दिन हमारा पूरा गाँव सूख जाएगा। हमें अपने पानी को बचाना होगा और हरियाली को फिर से लौटाना होगा।"
गाँव के लोग पहले तो असमंजस में थे, लेकिन जब उन्होंने रामेश्वर की बातों को समझा, तो सभी ने मिलकर जल संरक्षण और वृक्षारोपण का संकल्प लिया। गाँव के तालाबों और कुओं की सफाई की गई। जल संग्रहण के लिए विशेष व्यवस्था की गई ताकि बरसात का पानी बेकार न जाए। लोगों ने अपने खेतों में पानी का सावधानी से उपयोग करना शुरू कर दिया।
साथ ही, गाँव के हर कोने में वृक्षारोपण किया गया। पेड़ों की देखभाल की गई, और हरियाली धीरे-धीरे लौटने लगी। खेतों में फिर से फसलें लहलहाने लगीं, और पानी की समस्या भी काफी हद तक सुलझ गई।
जल, जीवन और हरियाली का यह संदेश पूरे गाँव में फैल गया। बच्चों को स्कूल में भी जल संरक्षण और हरियाली के महत्व के बारे में सिखाया जाने लगा। लोग अब समझ चुके थे कि जल ही जीवन है और हरियाली के बिना जीवन अधूरा है।
आज सुंदरपुर का हर कोना हरा-भरा है। नदी फिर से बहने लगी है, और लोग खुशहाल जीवन जी रहे हैं। गाँव के लोग अब हर वर्ष जल संरक्षण और वृक्षारोपण अभियान चलाते हैं ताकि उनके आने वाली पीढ़ियाँ भी इस हरियाली और खुशहाली का आनंद ले सकें।
निष्कर्ष:
जल, जीवन और हरियाली का परस्पर संबंध ही धरती पर जीवन को संभव बनाता है। अगर हम जल और हरियाली की रक्षा करेंगे, तो हमारा जीवन भी समृद्ध होगा। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।By: Akhilesh kumar