नर्मदा नदी
नर्मदा नदी भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक है। इसकी जलधारा पश्चिमी भारत की पर्वत श्रृंखलाओं से होकर गुजरती है, और इसका सौंदर्य हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है।नर्मदा नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के अमरकंटक पर्वत से है, जहाँ से यह अपनी यात्रा शुरू करती है। यह नदी पश्चिम दिशा की ओर बहते हुए गुजरात राज्य में प्रवेश करती है और अरब सागर में विलीन हो जाती है। नर्मदा के तटों पर कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं, जिनमें ओंकारेश्वर और महेश्वर प्रमुख हैं। लोग यहां आकर इस पवित्र नदी में स्नान करते हैं और अपनी धार्मिक आस्थाओं को पूर्ण करते हैं।
नर्मदा नदी के आस-पास का क्षेत्र बहुत ही हरा-भरा और प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है। नदी के किनारे बसे छोटे-छोटे गांवों में स्थानीय लोग मछली पकड़ने और खेती पर निर्भर रहते हैं। नावों में बैठकर मछुआरे अपनी जीविका चलाते हैं और नर्मदा के ताजे जल की महत्ता को समझते हैं। सुबह के समय जब सूरज की किरणें पानी पर पड़ती हैं, तो नदी एक अद्भुत स्वर्णिम आभा से चमकने लगती है।
यह नदी न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे जीवनदायिनी भी माना जाता है। इसके जल से आसपास के कई क्षेत्रों की सिंचाई होती है, जिससे फसलें लहलहा उठती हैं। नर्मदा नदी की धाराएँ भीषण गर्मी में भी सूखती नहीं हैं, जिससे इसे जीवन का प्रतीक माना जाता है।
नर्मदा के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है। यहाँ के हरे-भरे पेड़, पहाड़ और चट्टानें नदी के प्रवाह के साथ मिलकर एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत करते हैं। पक्षी नदी के किनारे उड़ते हुए दिखते हैं, और कुछ जगहों पर जलप्रपात भी देखने को मिलते हैं, जो इस दृश्य को और अधिक मनोरम बना देते हैं।
नर्मदा नदी की कथा भी काफी पुरानी और पौराणिक है। कहा जाता है कि यह नदी भगवान शिव के आशीर्वाद से बह रही है। इसलिए, इस नदी के तट पर बसे मंदिरों में हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं और नर्मदा की पूजा-अर्चना करते हैं।
इस तरह, नर्मदा नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि जीवन का स्रोत और आस्था का केंद्र है। इसका शांत, स्वच्छ और पवित्र जल हर किसी को शांति का अनुभव कराता है। जब भी कोई व्यक्ति नर्मदा के किनारे बैठता है, उसे इस नदी की अद्भुत शक्ति का अहसास होता है, जो जीवन के हर पहलू को छू लेती है। By: Akhilesh Kumar