सूर्य का रहस्य
सूर्य, जिसे हम सभी दिन-रात देखते हैं, सिर्फ एक चमकता गोला नहीं है, बल्कि ब्रह्माण्ड का एक अद्वितीय रहस्य भी है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य एक तारा है, जो लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले विशाल गैसों और धूल के एक बादल के संगठित होने से बना। इसके केंद्र में हाइड्रोजन गैस नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूजन) के माध्यम से हीलियम में परिवर्तित होती है, जिससे सूर्य ऊर्जा उत्पन्न करता है।
सूर्य की यह ऊर्जा पृथ्वी तक प्रकाश और गर्मी के रूप में पहुँचती है। अगर सूर्य न हो तो जीवन असंभव हो जाता। पृथ्वी पर जितनी भी ऊर्जा है, वह सूर्य से ही उत्पन्न होती है। इसी ऊर्जा की बदौलत ही पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन होते हैं, मौसम बनते हैं और सजीवों का जीवन चक्र चलता है।
सूर्य की बाहरी सतह को 'कोरोना' कहा जाता है, जो उसके रहस्यों में से एक है। जब भी पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है, तो यह कोरोना दिखता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य का कोरोना उसकी सतह से लाखों गुना अधिक गर्म होता है। यह ऐसा रहस्य है जिसे आज भी विज्ञान पूरी तरह से समझ नहीं पाया है।
सूर्य के भीतर के तापमान और दाब की कल्पना करना मुश्किल है। उसके केंद्र का तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुँचता है। इस उष्मा के कारण ही सूर्य के भीतर हाइड्रोजन परमाणु आपस में टकराते हैं और संलयन के माध्यम से ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं। इस ऊर्जा का छोटा सा हिस्सा भी पृथ्वी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
सूर्य के चारों ओर जो सौर हवाएं और सौर तूफान होते हैं, वे भी रहस्यमय हैं। कभी-कभी यह तूफान इतनी ताकतवर होते हैं कि पृथ्वी पर रेडियो संचार और उपग्रह प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, सौर तूफानों का प्रभाव हमारे वातावरण में होने वाली उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय रोशनी (ऑरोरा) पर भी पड़ता है।
सूर्य का जीवन काल भी सीमित है। आने वाले अरबों वर्षों में, यह अपने हाइड्रोजन ईंधन का अधिकांश हिस्सा खर्च कर चुका होगा और धीरे-धीरे एक विशालकाय लाल तारे के रूप में बदल जाएगा। अंततः यह अपने जीवन के अंत में सफेद बौने तारे में परिवर्तित हो जाएगा, और तब सूर्य अपनी चमक खो देगा।
सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र है, और इसके बिना न सिर्फ पृथ्वी बल्कि पूरा सौरमंडल बिखर जाएगा। सूर्य के इन रहस्यों ने मानव सभ्यता को सदा से आकर्षित किया है और विज्ञान को इसे समझने के लिए प्रेरित किया है।
(चित्र देखें: सूर्य की आग उगलती छवि, जिसमें उसकी सतह पर तीव्र सौर ज्वालाएं और उसके आसपास का अंधकारमय अंतरिक्ष स्पष्ट दिख रहे हैं।) By: Akhilesh kumar