लेह-लद्दाख, भारत का एक अनोखा और रहस्यमयी क्षेत्र है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसके शांतिपूर्ण और रहस्यमयी वातावरण ने अनगिनत यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यहाँ के कुछ रहस्य ऐसे हैं, जो आज भी वैज्ञानिकों और रहस्यविदों के लिए अनसुलझे हैं।
पहला रहस्य त्सो मोरीरी झील का है। यह झील अपनी चमकती नीली पानी की सतह और चारों ओर फैले बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। माना जाता है कि इस झील के नीचे एक प्राचीन शहर दफन है, जिसकी खुदाई अभी तक नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह शहर कभी बहुत शक्तिशाली था, लेकिन किसी अज्ञात कारण से यह गायब हो गया।
दूसरा रहस्य लेह-लद्दाख में स्थित हेमिस मठ का है। यह मठ बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन इसके बारे में एक अद्भुत कहानी प्रचलित है कि यीशु मसीह ने अपने जीवन के कुछ वर्ष इस मठ में बिताए थे। यह दावा उस दस्तावेज़ पर आधारित है, जो मठ के अंदर पाया गया था। इस दस्तावेज़ के अनुसार, यीशु मसीह ने तिब्बत और लद्दाख के क्षेत्रों में यात्रा की थी और यहाँ उन्होंने अपनी धार्मिक शिक्षा प्राप्त की थी।
तीसरा रहस्य पंगोंग झील का है। इस झील का रंग पूरे दिन में कई बार बदलता है, जो वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली है। सुबह यह हल्के नीले रंग की होती है, दिन में गहरे नीले रंग की और शाम को हरे रंग की दिखती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झील में रहस्यमय शक्तियाँ हैं, जो इसके रंग को बदलती हैं।
इसके अलावा, लद्दाख का मैग्नेटिक हिल भी एक अद्भुत रहस्य है। यहाँ पर गाड़ियों को बिना इंजन के ढलान पर चढ़ते देखा जा सकता है। यह जगह आज भी एक वैज्ञानिक पहेली बनी हुई है। कुछ लोग इसे एक दृष्टिभ्रम मानते हैं, जबकि अन्य इसे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का असामान्य व्यवहार बताते हैं।
लेह-लद्दाख के ये रहस्य इसके अद्वितीय भूगोल, संस्कृति और आध्यात्मिकता के साथ जुड़कर इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। By: Akhilesh Kumar