यहाँ एक चित्र है जो धनतेरस के पारंपरिक भारतीय उत्सव को दर्शाता है।
धनतेरस पर कहानी:
धनतेरस का पर्व दीपावली से पहले आता है और इसे धन-समृद्धि के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे कुबेर और माता लक्ष्मी के पूजन का दिन माना जाता है। साथ ही भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो आयुर्वेद के देवता और चिकित्सा विज्ञान के जनक माने जाते हैं। धनतेरस के दिन बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण, और अन्य कीमती वस्तुएं खरीदने की परंपरा है, जिसे घर में समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में रामलाल नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। वह एक साधारण किसान था, परन्तु उसकी मेहनत और ईमानदारी की वजह से उसे गाँव के लोग बेहद पसंद करते थे। धनतेरस के दिन उसकी पत्नी ने उससे कहा, "आज धनतेरस है। इस दिन कुछ नया खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।"
रामलाल ने सोचा कि उनके पास इतने साधन नहीं हैं कि वे कोई सोने-चांदी की वस्तु खरीद सकें, लेकिन फिर भी वह बाजार गया और एक नया बर्तन लेकर आया। उसकी पत्नी और बच्चों ने उस बर्तन को देखा और खुशी से झूम उठे। उन्होंने दीपक जलाकर भगवान धन्वंतरि का पूजन किया और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।
इस प्रकार, उस छोटे से बर्तन के माध्यम से रामलाल के परिवार में भी खुशी और समृद्धि आ गई। By: Akhilesh Kumar