सुंदर वन
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव के पास एक घना और सुंदर वन था। इस वन की खासियत थी उसकी हरियाली और उसके बीच बसी नदियाँ। पेड़ों की घनी छांव और रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू से यह वन हमेशा हरा-भरा और जीवंत रहता था।
वन में विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, फूल और फल के पेड़ थे। नीम, पीपल, और बड़ के पेड़ अपनी विशाल छांव के लिए जाने जाते थे। रंग-बिरंगे फूल जैसे गुलाब, चंपा, और कन्हैया वन की सुंदरता को और बढ़ाते थे। इस वन की नदियाँ हमेशा ठंडी और साफ रहती थीं, जो वन में निवास करने वाले जानवरों और पक्षियों के लिए एक आदर्श स्थान थीं।
वन के अंदर एक सुंदर तालाब भी था, जहाँ हर दिन विभिन्न प्रकार के पक्षी आते थे। मछलियाँ पानी में कूदती और तैरती रहती थीं, और मेंढ़क अपनी मस्त ध्वनि से तालाब को सजाते थे। इस तालाब के चारों ओर के पेड़ और फूल वानस्पतिक जीवन के चमत्कार को दर्शाते थे।
वन में हर सुबह सूरज की पहली किरणें जब पेड़ों की पत्तियों पर पड़तीं, तो वे एक सोने जैसी चमक फैलातीं। पक्षियों की चहचहाहट और तितलियों की उड़ान से पूरा वन एक जिंदा चित्र लग रहा था। बच्चों की हंसी-खुशी से भरपूर खेल-कूद का दृश्य इस सुंदर वन की असली खूबसूरती थी।
गांव के लोग इस वन को बहुत प्यार करते थे। वे अक्सर अपनी सैर के लिए यहाँ आते थे और वन के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाते थे। वन की देखभाल करना, उसे साफ रखना और उसके संसाधनों का सही उपयोग करना गाँव वालों के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी।
एक दिन, वन में एक बड़ा तूफान आया। तेज हवाएँ, बारिश और बिजली की कड़कड़ाहट से वन के पेड़ और पौधे झूलने लगे। लोगों ने तूफान से वन को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। उन्होंने मिलकर पेड़ों की देखभाल की और जानवरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्रयास किया।
तूफान के बाद, वन ने अपनी सुंदरता को धीरे-धीरे वापस प्राप्त किया। गांव वालों की मेहनत और समर्पण ने दिखाया कि जब लोग मिलकर काम करते हैं, तो वे किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।
आज भी सुंदर वन गाँव के लोगों के लिए शांति और सौंदर्य का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि प्रकृति और मानवता का संबंध कितना महत्वपूर्ण है और किस प्रकार एक दूसरे की मदद से हम जीवन को सुंदर बना सकते हैं। By: Akhilesh kumar