सच्ची कहानी: भारत और अन्य देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंध International relationship


 सच्ची कहानी: भारत और अन्य देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंध


भारत हमेशा से एक शांति और सद्भाव के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। भारतीय सभ्यता की जड़ें हजारों साल पुरानी हैं, और इसने सदैव 'वसुधैव कुटुंबकम' अर्थात 'सारा संसार एक परिवार है' के सिद्धांत को अपनाया है। इसी सिद्धांत ने भारत को दुनिया के बाकी देशों से अलग और मजबूत बनाकर रखा है।


कहानी की शुरुआत होती है एक छोटे से गाँव से, जहाँ अंशुल नामक युवक रहता था। अंशुल का सपना था कि वह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में कुछ ऐसा करे, जिससे भारत का नाम रोशन हो। बचपन से ही उसे भारत की विदेश नीति और अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों के बारे में जानने की दिलचस्पी थी।


जब वह बड़ा हुआ, तो उसने राजनीति विज्ञान में पढ़ाई की और एक अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के सम्मेलन में हिस्सा लिया, जहाँ उसे पहली बार भारत के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बारे में विस्तृत जानकारी मिली। सम्मेलन में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते, भारत-रूस की पुरानी मित्रता, भारत-चीन की चुनौतियाँ और यूरोपीय देशों के साथ सहयोग की चर्चा हुई।


अंशुल ने देखा कि भारत अपनी पुरानी परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिकता को भी अपनाता जा रहा था। भारत ने न केवल शांति के संदेश को फैलाया, बल्कि आर्थिक और सामरिक रूप से भी खुद को सशक्त किया। उसने सीखा कि कैसे भारत ने अपनी 'गुटनिरपेक्षता' की नीति के तहत बड़े-बड़े देशों के साथ बिना किसी गुट में शामिल हुए भी अपने संबंधों को संतुलित किया है।


अंशुल को यह भी पता चला कि भारत ने समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन जैसे मंचों पर भी अपनी भूमिका निभाई है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर भारत ने अपना स्पष्ट और मजबूत रुख अपनाया।


अंशुल की यह यात्रा उसे भारत की विदेश नीति की जटिलताओं और चुनौतियों को समझने में मदद करती है। वह देखता है कि कैसे भारत ने अपने पड़ोसी देशों, जैसे नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को भी मजबूत किया है, और साथ ही दक्षिण एशिया में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।


इस प्रकार, अंशुल का सपना पूरा हुआ, जब उसने अपनी पढ़ाई पूरी करके भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश किया। अब वह खुद भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का हिस्सा बनकर, दुनिया के बाकी देशों के साथ बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहा है।


यह कहानी हमें यह समझाती है कि भारत न केवल अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति सजग है, बल्कि वैश्विक शांति और विकास में भी अपनी अहम भूमिका निभाता है। By: Akhilesh kumar 

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