तारे का रहस्य
रात का अंधेरा घना था, लेकिन आकाश में एक तारा चमक रहा था, जो बाकी तारों से बिल्कुल अलग था। गाँव के एक छोटे से बच्चे, अंशुल, ने उसे पहली बार देखा था। वह हर रात अपने घर की छत पर बैठकर तारों को निहारा करता था, पर आज की रात कुछ खास थी। उस तारे की चमक इतनी तेज थी कि वह बिना पलक झपकाए उसे देखता रह गया।
अंशुल के मन में उस तारे को लेकर एक रहस्य गहराने लगा। उसने अपने पिता से पूछा, "पापा, वह तारा इतना अलग क्यों दिख रहा है?"
पिता मुस्कुराए और बोले, "बेटा, हर तारे की एक कहानी होती है। कुछ तारे आम होते हैं और कुछ खास। शायद वह तारा किसी नई शुरुआत का संकेत दे रहा हो।"
अंशुल की उत्सुकता और बढ़ गई। उसने तय किया कि वह इस तारे के बारे में और जानने के लिए कुछ करेगा। अगले दिन, वह गाँव के पुराने पंडित जी के पास गया, जिनके पास अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान की गहरी जानकारी थी। पंडित जी ने बताया कि उस तारे की कहानी सैकड़ों साल पुरानी थी।
"यह तारा," पंडित जी ने कहा, "जिसे तुम देख रहे हो, इसे 'रहस्यमयी तारा' कहा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख है कि यह तारा तब प्रकट होता है जब कोई महत्वपूर्ण घटना होने वाली होती है।"
अंशुल की आँखें चमक उठीं। "क्या यह तारा हमें कुछ बताने की कोशिश कर रहा है?" उसने पूछा।
पंडित जी ने सिर हिलाया, "यह संभव है। कुछ लोग कहते हैं कि यह तारा नई आशाओं और संभावनाओं का प्रतीक है।"
रात में फिर से तारे की ओर देखते हुए, अंशुल को महसूस हुआ कि उस तारे में कुछ खास था। उसकी रोशनी इतनी रहस्यमयी थी, मानो वह उसे बुला रही हो। कई दिन और रात बीत गए, लेकिन तारे की चमक कम नहीं हुई। बल्कि, हर रात उसकी चमक और बढ़ती जा रही थी।
अंशुल ने धीरे-धीरे समझा कि तारा सिर्फ एक खगोलीय पिंड नहीं था, बल्कि उसके जीवन में कुछ विशेष बदलाव का संकेत दे रहा था। उसने अपने भीतर की आवाज़ को सुना और समझा कि जीवन में कभी-कभी हमें ऐसे संकेत मिलते हैं जो हमें नई दिशा में ले जाते हैं। तारा उसे यही सिखा रहा था—कि हमें अपने सपनों और लक्ष्यों के पीछे बिना डरे चलना चाहिए।
उस दिन के बाद से, अंशुल ने अपने जीवन में साहसिक कदम उठाने का फैसला किया। वह तारे को अपना मार्गदर्शक मानने लगा, और उसके जीवन में एक नई शुरुआत हुई।
इस प्रकार, तारे का रहस्य अंशुल के लिए जीवन का एक नया अध्याय बन गया।
(आप इस चित्र में तारे और अंशुल की अद्भुत रात को देख सकते हैं।) By: Akhilesh kumar