'कैसे?'
यह कहानी एक छोटे से गाँव के स्कूल की है। जहाँ बच्चे मिट्टी के बने कक्ष में फर्श पर चटाई पर बैठकर बड़े ध्यान से अपनी अध्यापिका की ओर देख रहे थे। दीवार पर एक पुरानी ब्लैकबोर्ड थी, जिस पर अध्यापिका हिंदी में कुछ लिख रही थीं।आज का विषय था, "कैसे?" अध्यापिका ने छात्रों से पूछा, "जब हम किसी काम को करते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल क्या होता है?"
छोटे से बच्चे अपनी मासूम आँखों से जवाब ढूंढने की कोशिश कर रहे थे। किसी ने धीरे से कहा, "क्या?" और किसी ने कहा, "क्यों?" लेकिन अध्यापिका ने उन्हें धीरे से मुस्कुराते हुए बताया, "सबसे महत्वपूर्ण सवाल होता है — 'कैसे?'"
बच्चे थोड़े चौंक गए। वे सोचने लगे कि 'कैसे' सबसे महत्वपूर्ण क्यों है। अध्यापिका ने बोर्ड पर एक उदाहरण लिखते हुए कहा, "जब हम पढ़ाई करते हैं, तो हम हमेशा यही जानना चाहते हैं कि कैसे अच्छी तरह से पढ़ा जाए। अगर हमें यह पता नहीं चले कि कैसे कोई काम करना है, तो हम उसे अच्छे से कर ही नहीं पाएंगे।"
बाहर से सूरज की हल्की रोशनी कक्षा के अंदर आ रही थी, जो इस शांतिपूर्ण माहौल को और भी खुशनुमा बना रही थी। बच्चे मन ही मन यह सवाल कर रहे थे कि वे जो काम कर रहे हैं, वह कैसे बेहतर हो सकता है। अध्यापिका ने एक और सवाल किया, "अगर हमें खेत में अनाज उगाना है, तो सबसे पहले हमें क्या सोचना होगा?"
एक बच्चा उठकर बोला, "हमें यह सोचना होगा कि कैसे बीज बोए जाते हैं और कैसे मिट्टी को तैयार किया जाता है।"
अध्यापिका ने उसकी तारीफ की और बाकी बच्चों से कहा, "बिल्कुल सही। अगर हम किसी काम को बेहतर करना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि उसे कैसे करना है। जब तक हम यह समझेंगे नहीं, हम आगे नहीं बढ़ सकते।"
इस प्रकार, बच्चे धीरे-धीरे यह समझने लगे कि उनके जीवन के हर काम में 'कैसे' का सवाल सबसे महत्वपूर्ण होता है। चाहे वह पढ़ाई हो, खेल हो, या फिर खेती, हर जगह यह सवाल उठता है कि काम को बेहतर कैसे किया जाए।
कक्षा के बाहर हरे-भरे खेतों का दृश्य था, जहाँ किसान अपने काम में व्यस्त थे। वे भी यही सोच रहे थे कि कैसे इस बार की फसल अच्छी हो। बच्चों की आँखों में भी अब यही सवाल चमक रहा था—'कैसे?' By: Akhilesh kumar