हिमालय पर्वत Himalaya


                हिमालय पर्वत

हिमालय  पर्वत, जिसे दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शृंखला माना जाता है, अनगिनत रहस्यों और अद्भुत दृश्यों का साक्षी है। यह पर्वत शृंखला भारत के उत्तरी हिस्से में फैली हुई है, जो न केवल प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखती है।

सुबह का समय था, जब सूरज की पहली किरणें हिमालय की बर्फीली चोटियों पर पड़ रही थीं। सुनहरी धूप से ढकीं ये चोटियां मानो आकाश को छू रही थीं। पर्वत के निचले हिस्सों में गहरी हरी घाटियां थीं, जहां नदियां अपने संगीतमय बहाव के साथ पहाड़ियों के बीच से गुज़र रही थीं। इस अद्वितीय दृश्य को देखना किसी सपने से कम नहीं था।

हिमालय की गोद में बसे छोटे-छोटे गांव अपनी सादगी और शांति के लिए प्रसिद्ध हैं। इन गांवों में पत्थरों और लकड़ी से बने घर होते हैं, जिनकी छतें स्लेट से ढकी होती हैं। गांव के लोग बेहद सरल और परिश्रमी होते हैं। उनकी जीवनशैली प्रकृति के करीब होती है, और वे जंगल, नदियों और खेतों से अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करते हैं।

कहानी की मुख्य पात्र नीलम, एक युवा लड़की, हिमालय के एक छोटे से गांव में रहती थी। नीलम का दिल हमेशा से इन पर्वतों के रहस्यों को जानने के लिए उत्सुक रहता था। एक दिन उसने निश्चय किया कि वह हिमालय की एक ऊँची चोटी पर चढ़ाई करेगी। उसकी दादी ने उसे बचपन से ही इन पर्वतों की कई कहानियां सुनाई थीं, जिनमें देवताओं, राक्षसों और छिपे खजानों की बातें होती थीं। नीलम को इन कहानियों पर हमेशा विश्वास था और वह इन रहस्यों को अपनी आंखों से देखना चाहती थी।

नीलम अपने दोस्तों के साथ पर्वत की ओर निकल पड़ी। वे लोग घने जंगलों से गुज़रे, जहां देवदार और चीड़ के पेड़ों की लंबी कतारें थीं। रास्ते में उन्हें कई दुर्लभ वन्यजीव दिखाई दिए, जैसे बर्फीले तेंदुए और लाल पांडा। ये जानवर हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।

चढ़ाई आसान नहीं थी, लेकिन नीलम और उसके दोस्तों का हौसला मजबूत था। कई घंटे की चढ़ाई के बाद वे लोग एक ऐसे स्थान पर पहुंचे, जहां से पूरा हिमालय और उसकी महानता साफ़-साफ़ दिखाई दे रही थी। यह दृश्य इतना सुंदर था कि उनके शब्द भी कम पड़ गए। बर्फ से ढकी चोटियों के बीच सूरज की सुनहरी रोशनी बिखर रही थी, और ठंडी हवा के झोंके उनकी थकान मिटा रहे थे।

नीलम को अब समझ में आया कि इन पर्वतों का महत्व केवल उनकी ऊंचाई में नहीं है, बल्कि उनकी पवित्रता और शांति में है। हिमालय न केवल प्रकृति का अद्भुत उपहार है, बल्कि यह हमें धैर्य, शांति और साहस का पाठ भी सिखाता है। By: Akhilesh kumar 

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