2025 की यादगार घटना: आँसू, हँसी और गर्व की मिली-जुली कहानी

2025 की यादगार घटना: आँसू, हँसी और गर्व की मिली-जुली कहानी

 साल 2025 भारत के लिए भावनाओं का रोलरकोस्टर साबित हुआ।  एक तरफ़ जहाँ दर्दनाक हादसे और त्रासदियाँ ने पूरे देश को आँसुओं में डुबो दिया, वहीं खेल और सांस्कृतिक उपलब्धियों ने हँसी और गर्व की लहर दौड़ा दी।  यह वर्ष हमें याद दिलाता है कि जीवन में सुख-दुख साथ-साथ चलते हैं, और भारतीय समाज की मजबूती इसी मिली-जुली भावनाओं में छिपी है।  आइए, इस वर्ष की कुछ प्रमुख घटनाओं पर नजर डालते हैं, जो आँसू, हँसी और गर्व की यह कहानी बयाँ करती हैं।

 साल की शुरुआत ही हृदय विदारक रही।  जनवरी में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना, जहाँ 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुँचे।  यह आस्था का अद्भुत प्रदर्शन था, जो भारतीय संस्कृति की जीवंतता को दुनिया के सामने लाया।  लेकिन इसी मेले में भगदड़ और अन्य हादसों ने कई जानें ले लीं।  फरवरी में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुंभ जाने वाले यात्रियों की भगदड़ में 18 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश महिलाएँ और बच्चे थे।  अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले ने 26 पर्यटकों की जान ले ली, जहाँ हमलावरों ने धर्म पूछकर निशाना बनाया।  इन घटनाओं ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया, आँसू बहाए और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए।  दिसंबर में अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश और इंडिगो की उड़ान संकट ने भी हजारों परिवारों को प्रभावित किया।  ये त्रासदियाँ हमें याद दिलाती हैं कि जीवन कितना नाजुक है, और ऐसी घटनाएँ राष्ट्र को एकजुट करने का काम भी करती हैं।

 लेकिन इन दुखों के बीच गर्व की किरणें भी चमकीं।  मई में पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।  यह कार्रवाई राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बनी, जिसने देशवासियों में एकता और बहादुरी की भावना जगाई।  खेल के मैदान पर तो 2025 भारत के लिए स्वर्णिम रहा।  मार्च में चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर पुरुष टीम ने इतिहास रचा, तो नवंबर में नवी मुंबई में महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार ICC महिला विश्व कप ट्रॉफी उठाई।  फाइनल में न्यूजीलैंड को हराने के बाद खिलाड़ियों की आँखों में खुशी के आँसू और गले मिलने के दृश्य पूरे देश को भावुक कर गए।  रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की आँखें नम हो गईं, और स्टेडियम में 'भारत माता की जय' के नारे गूँजे।  नीतिश कुमार की जेवलिन थ्रो में 90 मीटर पार करना और दिव्या देशमुख की शतरंज विश्व कप जीत ने भी युवाओं में गर्व भर दिया।

 हँसी की बात करें तो बॉलीवुड और मनोरंजन जगत ने राहत दी।  कई हिट फिल्में और कॉमेडी शो ने लोगों को हँसाया, जबकि प्राइड परेड्स ने मुंबई, दिल्ली और अन्य शहरों में रंग बिखेरे।  ये आयोजन समावेशिता और खुशी का संदेश लेकर आए।  अंतरिक्ष में NISAR मिशन की सफलता और सेमीकंडक्टर चिप्स के विकास ने तकनीकी गर्व जगाया।

 2025 सिखाता है कि दुख कितना भी गहरा हो, भारतीय हमेशा उठ खड़ी होती है।  आँसू बहाते हुए हम हँसते हैं, और गर्व से सीना चौड़ा करते हैं।  यह मिली-जुली कहानी ही भारत की असली ताकत है – एकता में छिपी उम्मीद।  नए साल में यही भावनाएँ हमें आगे बढ़ाएँगी।

 (Written By: Akhilesh Kumar)


 

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