नवरात्रि, भारत का एक प्रमुख और पवित्र त्योहार है, जो माँ दुर्गा की आराधना और शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह नौ दिनों का उत्सव भक्ति, संस्कृति और उत्साह का अनूठा संगम है। नवरात्रि का अर्थ है "नौ रातें," और इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री—की पूजा की जाती है। यह पर्व वर्ष में दो बार, चैत्र और शारदीय नवरात्रि के रूप में, मनाया जाता है, जिसमें शारदीय नवरात्रि विशेष रूप से लोकप्रिय है।
नवरात्रि का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जैसा कि माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध की कथा में दर्शाया गया है। यह त्योहार हमें नारी शक्ति की महत्ता और आंतरिक ऊर्जा को जागृत करने की प्रेरणा देता है। नवरात्रि के नौ दिन न केवल पूजा-अर्चना के लिए हैं, बल्कि आत्म-चिंतन, संयम और सकारात्मकता को अपनाने का भी अवसर प्रदान करते हैं।
नवरात्रि के दौरान भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में माँ दुर्गा की विशेष पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं। कई लोग इन नौ दिनों में मांसाहार, शराब और अन्य तामसिक चीजों से परहेज करते हैं। घरों और मंदिरों में माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है, और प्रतिदिन आरती, मंत्र जाप और हवन जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। विशेष रूप से, सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथियों को कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है, जिसमें नन्हीं कन्याओं को माँ दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है।
नवरात्रि का एक और आकर्षण है गरबा और डांडिया, जो विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र में लोकप्रिय हैं। ये नृत्य माँ दुर्गा की भक्ति में समर्पित हैं और सामूहिक उत्सव का हिस्सा हैं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजे लोग ढोल और संगीत की धुन पर नृत्य करते हैं, जो सामाजिक एकता और खुशी का प्रतीक है। आजकल, नवरात्रि के आयोजन बड़े पैमाने पर शहरों और कस्बों में होने लगे हैं, जहाँ लोग एक साथ मिलकर इस उत्सव का आनंद लेते हैं।
नवरात्रि का अंतिम दिन, विजयादशमी, भगवान राम की रावण पर विजय के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन कई स्थानों पर रावण के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं। यह पर्व हमें सिखाता है कि कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो, सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है।
नवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंतता और एकता का प्रतीक है। यह हमें अपनी आध्यात्मिक शक्ति को पहचानने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देता है। नवरात्रि का यह नौ दिवसीय महापर्व हर वर्ष लाखों लोगों के दिलों में भक्ति, उत्साह और उमंग का संचार करता है।
(Written by: Akhilesh kumar)