जीवन की आपाधापी में कुछ पल ऐसे होते हैं, जो अपने आप में तड़कते-फड़कते हैं। ये वो क्षण हैं, जो हमें हंसाते हैं, रुलाते हैं, और सबसे बढ़कर, हमें जीने का अहसास दिलाते हैं।
"तड़कता-फड़कता" सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक एहसास है, जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन में रंग भरता है। यह उन छोटी-छोटी बातों का जश्न है, जो हमें खुशी देती हैं और हमारे दिल को छू जाती हैं। सुबह की पहली किरण जब खिड़की से झांकती है और चाय की प्याली के साथ दिन की शुरुआत होती है, तब एक ताज़गी का अहसास होता है।
यह तड़कता-फड़कता पल है, जब मन में नई उम्मीदें जागती हैं। गली के मोड़ पर बच्चों का शोर, बाज़ार की चहल-पहल, या दोस्तों के साथ बिना वजह की हंसी—ये सब जीवन के वो रंग हैं, जो इसे जीवंत बनाते हैं। हमारी भागदौड़ भरी ज़िंदगी में ये छोटे-छोटे पल हमें याद दिलाते हैं कि खुशी बड़ी चीज़ों में नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की सादगी में छुपी होती है।
कभी-कभी तड़कता-फड़कता उन अनघट घटनाओं में भी होता है, जो हमें हैरान कर देती हैं। जैसे, अचानक बारिश में भीग जाना और उसका मज़ा लेना, या पुराने दोस्त से अनायास मुलाकात हो जाना।
ये वो लम्हे हैं, जो बिना किसी योजना के हमारे जीवन में आते हैं और हमें एक अनमोल तोहफा दे जाते हैं। ये पल हमें सिखाते हैं कि जीवन को हर पल जीना चाहिए, क्योंकि हर क्षण अपने आप में अनोखा है।
हमारे समाज और संस्कृति में भी तड़कता-फड़कता हर जगह बिखरा हुआ है। त्योहारों की रौनक, मेले की चहल-पहल, या परिवार के साथ बिताए वो पल जब सब एक साथ हंसते-बतियाते हैं—ये सब इस एहसास को और गहरा करते हैं।
होली के रंग, दीवाली की रोशनी, या ईद की मिठास, हर मौका हमारे जीवन को और जीवंत बनाता है। इन अवसरों पर लोग अपने गम भूलकर एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं, और यही तो तड़कते-फड़कते जीवन की असली पहचान है।
लेकिन क्या हम हमेशा इन पलों को महसूस करते हैं? शायद नहीं। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हम अक्सर इन छोटी-छोटी खुशियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
काम का दबाव, ज़िम्मेदारियों का बोझ, और भविष्य की चिंता हमें इन लम्हों से दूर कर देती है। लेकिन अगर हम थोड़ा रुकें, एक गहरी सांस लें, और अपने आसपास देखें, तो पाएंगे कि तड़कता-फड़कता हर जगह मौजूद है। आइए, अपने जीवन को और रंगीन बनाएं।
उन छोटे-छोटे पलों को संजोएं, जो हमें हंसी, सुकून, और जीवंतता देते हैं। क्योंकि यही तड़कता-फड़कता जीवन है—जो हर पल में नया रंग, नया स्वाद, और नई कहानी लेकर आता है। इसे जी भरकर जिएं, क्योंकि यही इसकी असली खूबसूरती है।( Author: Akhilesh Kumar)