सूरज की पहली किरण
सुबह का समय था। सूरज की पहली किरणें पहाड़ों की चोटियों पर छिटकने लगी थीं। गांव के छोटे से झील के किनारे, छोटे-छोटे पक्षी चहचहा रहे थे। वातावरण में ठंडी ताजगी छाई हुई थी। अजय, जो गाँव का एक सरल और मेहनती किसान था, अपने खेतों में काम करने के लिए उठ चुका था।
उसने सुबह की ठंडक को महसूस किया और आसमान की ओर देखा। सूरज की किरणें धीरे-धीरे फैल रही थीं, और आकाश में सुनहरी रंगत बिखेर रही थीं। अजय की आंखों में चमक थी, जैसे सूरज की किरणें उसकी आत्मा को भी रोशन कर रही थीं। उसने अपनी झोली में डाले हुए बर्तन से पानी निकालकर अपने चेहरे पर छींटे मारे और ठंडक को महसूस किया।
उसके खेतों में काम करने के दौरान, वह सोचा करता था कि हर दिन एक नया अवसर लेकर आता है। सूरज की पहली किरण उसकी मेहनत और लगन को नए उत्साह से भर देती थी। आज भी उसे लगता था कि सूरज ने उसके लिए खास संदेश भेजा है, एक संदेश जो उसे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।
अजय के गाँव में एक पुराना कहावत था, "सूरज की पहली किरण से ही दिन की शुरुआत होती है।" इस कहावत को अजय ने हमेशा सच मान लिया था। वह हमेशा सुबह की पहली किरण को देखने के लिए जाग जाता था, ताकि उसे भी दिन की नई शुरुआत का अहसास हो सके।
सुबह की ठंडी हवा में, जब अजय ने अपने खेतों की ओर कदम बढ़ाए, तो उसने महसूस किया कि सूरज की किरणें खेतों की हर हरियाली को एक नई चमक दे रही थीं। हर पत्ते पर सुनहरी चमक थी और हवा में ताजगी का एहसास था। अजय ने अपने काम को शुरू किया, और उसे यकीन था कि आज का दिन भी उसकी मेहनत और समर्पण से भरा होगा।
सूरज की पहली किरणें अब पूरी तरह से फैल चुकी थीं और गांव में दिन की शुरुआत हो चुकी थी। अजय ने एक बार फिर आसमान की ओर देखा और एक हल्की सी मुस्कान उसके चेहरे पर थी। उसने सोचा, जैसे सूरज हर सुबह नई आशा लेकर आता है, वैसे ही वह भी हर दिन नई ऊर्जा और उत्साह के साथ अपने काम में जुट जाता है।
सूरज की किरणों ने अजय को यह सिखाया कि हर दिन एक नई शुरुआत होती है, और यह शुरुआत हमारी मेहनत और लगन से ही सजती है। उसने अपने काम को पूरी ईमानदारी और मेहनत से करने का संकल्प लिया और दिन की शुरुआत को एक नई उम्मीद के साथ स्वीकार किया। By: Akhilesh kumar