नमस्कार
रवि नामक एक युवक अपने गांव में बड़े आदर और सम्मान से पहचाना जाता था। वह हर किसी की मदद के लिए सदैव तत्पर रहता था, चाहे वह वृद्ध हो या युवा। गांव के लोग रवि को उसके विनम्र स्वभाव और उसकी समाज सेवा के कारण बहुत पसंद करते थे। गांव की हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान खोजने में उसकी अहम भूमिका होती थी।
एक दिन गांव में अचानक एक समस्या उत्पन्न हो गई। गांव के बीच से बहने वाली नदी का पानी धीरे-धीरे सूखने लगा। ग्रामीणों की खेती और पशुपालन पर इसका गहरा असर पड़ने लगा। गांव के बड़े-बुजुर्ग चिंतित हो उठे, क्योंकि यह नदी गांव की जीवनरेखा थी।
गांव की पंचायत ने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाई। गांव के सरपंच ने सभी को एकत्रित किया और समस्या पर चर्चा शुरू की। सभी ग्रामीणों ने अपनी राय दी, परन्तु कोई ठोस समाधान नहीं निकल पा रहा था। तभी रवि ने अपनी राय दी, "क्यों न हम सभी मिलकर नदी के किनारे वृक्षारोपण करें और वहां के जल स्रोतों को पुनर्जीवित करें?"
उसकी बात सुनकर सभी ने सहमति जताई। गांव के लोग मिलकर वृक्षारोपण और जल संरक्षण का कार्य शुरू कर दिए। धीरे-धीरे नदी में पानी फिर से बहने लगा और गांव की फसलें फिर से लहराने लगीं।
इस घटना के बाद गांव के लोगों ने रवि की तारीफ की और उसे 'गांव का सच्चा हीरो' मान लिया। रवि की यह पहल न केवल उसके गांव को बचाया, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया।
शिक्षा: समाज के लिए किए गए छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। By: Akhilesh kumar