मोदी जी और राहुल जी के मज़ेदार चुटकुलेराजनीति में हास्य का तड़का लगे तो बात ही अलग होती है।

मोदी जी और राहुल जी के मज़ेदार चुटकुलेराजनीति में हास्य का तड़का लगे तो बात ही अलग होती है। जब बात भारत के दो बड़े नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्षी नेता राहुल गांधी की हो, तो चुटकुले और व्यंग्य का मज़ा दोगुना हो जाता है। आइए, कुछ हल्के-फुल्के चुटकुले और व्यंग्य सुनते हैं, जो इन दोनों नेताओं के व्यक्तित्व और शैली को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। ये पूरी तरह काल्पनिक और मनोरंजन के लिए हैं, बिना किसी को ठेस पहुंचाने के इरादे के!

 चुटकुला 1: चाय की चुस्की और पप्पू की पुस्तक

 एक बार मोदी जी और राहुल गांधी एक टीवी डिबेट में आमने-सामने थे। मॉडरेटर ने पूछा, "आप दोनों की सबसे बड़ी ताकत क्या है?"

 मोदी जी ने तुरंत कहा, "मेरी ताकत मेरी चाय की चुस्की है, जो मुझे हर सुबह 4 बजे उठकर देश के लिए सोचने की ऊर्जा देती है!"

 राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, "मेरी ताकत मेरी किताबें हैं, जो मैं हर रात पढ़ता हूँ... बस, कभी-कभी पन्ने उलटने में नींद आ जाती है!"

 मॉडरेटर हँसते हुए बोला, "तो जनता की नींद कौन तोड़ेगा?"

 दोनों एक साथ चिल्लाए, "वो तो हमारी रैलियाँ कर देंगी!" व्यंग्य 1: डिजिटल इंडिया vs डेटा इंडिया

 मोदी जी का डिजिटल इंडिया का सपना तो जगज़ाहिर है। एक बार एक पत्रकार ने उनसे पूछा, "सर, डिजिटल इंडिया कितना सफल रहा?"

 मोदी जी ने गर्व से कहा, "बेटा, अब गाँव-गाँव में 4G टावर हैं, लोग यूपीआई से चाय भी खरीद रहे हैं!"

 पास खड़े राहुल जी ने टिप्पणी की, "हाँ, लेकिन डेटा खत्म होने पर लोग मेरे पुराने वीडियो ऑफलाइन देखते हैं, वो भी डिजिटल इंडिया का हिस्सा है न?"

 मोदी जी ने हँसकर जवाब दिया, "राहुल बाबा, वो तो डेटा इंडिया है, डिजिटल इंडिया नहीं!"

 जनता ने तालियाँ बजाईं, लेकिन ये समझ नहीं पाई कि जीता कौन! चुटकुला 2: भाषण का जादू

 एक बार राहुल गांधी एक रैली में भाषण दे रहे थे। उन्होंने जोश में कहा, "मैं देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाऊँगा!"

 भीड़ में से एक आवाज़ आई, "कैसे, पप्पू जी?"

 राहुल जी ने तपाक से कहा, "अरे, मेरे पास अनुभव की कमी हो सकती है, लेकिन इरादों की कमी नहीं!"

 पास में खड़े मोदी जी ने चुटकी ली, "बाबा, इरादे तो ठीक हैं, लेकिन भाषण में GPS लगाओ, वरना मुद्दा भटक जाता है!"

 भीड़ हँसते-हँसते लोटपोट हो गई। व्यंग्य 2: ट्वीट की ताकत

 मोदी जी और राहुल जी दोनों ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। एक दिन राहुल जी ने ट्वीट किया, "देश को युवा नेतृत्व चाहिए!"

 मोदी जी ने तुरंत जवाब दिया, "बिल्कुल, लेकिन युवा नेतृत्व का अनुभव भी तो चाहिए, बाबा!"

 राहुल जी ने फिर ट्वीट किया, "अनुभव आता है गलतियों से!"

 मोदी जी ने हँसते हुए लिखा, "तो बाबा, आप तो अब तक महानुभवी हो गए होंगे!"

 मोदी बनाम राहुल निष्कर्ष

 ये चुटकुले और व्यंग्य सिर्फ़ हँसी-मज़ाक के लिए हैं। मोदी जी का करिश्माई नेतृत्व और राहुल जी का अनोखा अंदाज़, दोनों ही भारतीय राजनीति को रंगीन बनाते हैं। आखिर, हँसते-हँसते ही तो हम देश की बात करते हैं!( Author: Akhilesh Kumar)


 

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